Sai Baba Bhajans

Sai Baba Bhajans

साई तेरे चरणों मे

साई तेरे चरणों मे…अपने होंठो पर सजाना चाहता हु,
आ साई तुजे मे गुन-गुनना चाहता हु,कोई आंसू तेरे दामन पर गिराकर,
बूंद को मोती बनाना चाहता हु,थक गया मे करते करते याद तुजको(साई),
अब तुजे मे याद आना चाहता हु,
छा रहा है सारी बस्ती मे अँधेरा,
रोशनी को घर जलना चाहता हु,
आखरी हिचकी तेरे जानों(शिरडी) पे आए,
मौत भी मे शायराना चाहता हु…
जबसे बढ़ा सांई से रिश्ता दुनियां छूटी जाय
हम आऐ सांई के द्वारे धरती कहीं भी जाय
चहूं ओर तूफ़ान के धारे,मैली हवा वीरान किनारे
जीवन नैया सांई सहारे फिर भी चलती जाय
जबसे बढ़ा सांई से रिश्ता दुनिया छूटी जाय
नाम सिमरले जब तक दम है,बोझ ज़ियादा वक्त भी कम है
याद रहे दो दिन की उमरिया पल पल घटती जाय
जबसे बढ़ा………………
सांई के मंदिर में आए जब श्रद्दा के हार चढ़ाए
मन विश्वास के फूल की रंगत और निखरती जाय
जबसे बढ़ा……………
भक्तों को दर्शन भिक्षा दो,रक्षा की ठंडक पहुंचा दो
तुम ही कहो ये बिरहा कि अग्नि कब तक जलती जाय
जबसे बढ़ा सांई से रिश्ता दुनिया छूटी जाय
हम आए सांई के द्बारे धरती कहीं भी जाय
मैली चादर ओढ़ के कैसे द्वार तुम्हारे आऊँ .
हे पावन परमेश्वर मेरे मन ही मन शरमाऊं ..
तूने मुझको जग में भेजा निर्मल देकर काया .
आकर के संसार में मैंने इसको दाग लगाया .
जनम जनम की मैली चादर कैसे दाग छुड़ाऊं ..
निर्मल वाणी पाकर मैने नाम न तेरा गाया .
नयन मूंद कर हे परमेश्वर कभी न तुझको ध्याया .
मन वीणा की तारें टूटीं अब क्या गीत सुनाऊं ..
इन पैरों से चल कर तेरे मन्दिर कभी न आया .
जहां जहां हो पूजा तेरी कभी न शीश झुकाया .
हे हरि हर मैं हार के आया अब क्या हार चढ़ाऊं ..

शिरडी वाले सांई बाबा

आआआआआआआआआआआआआआआ………………….
जमाने ने कहा टूटी हुई तश्वीर बनती है,
तेरे दरबार में बिगड़ी हुई तक्दीर बनती है ।
तारीफ तेरी निकली है दिल से,
आयी है लव बनके कवाली
शिरडी वाले सांई बाबा
आया है तेरे दर पे सवाली ।
शिरडी वाले सांई बाबा
आया है तेरे दर पे सवाली ।
लव पे दुआएँ आँखो में आंसू
दिल में उम्मीदें पर झोली खाली
शिरडी वाले सांई बाबा
आया है तेरे दर पे सवाली ।
दर पे सवाली आया दर पे सवाली,
शिरडी वाले सांई बाबा
आया है तेरे दर पे सवाली ।
ओ मेरे सांई देवा तेरे सब नाम लेवा ।
ओ मेरे सांई देवा तेरे सब नाम लेवा ।
खुदा इनसान सारे सभी, तुझको हैं प्यारे,
सुने फरियाद सबकी, तुझे है याद सबकी,
बड़ा या कोई छोटा, नहीं मायूस लूटा,
अमीरों का सहारा, गरीबों का गुजारा,
तेरी रहमत का किस्सा ब्यान अकबर करे क्या,
दो दिन की दुनिया, दुनिया है गुलशन,
सब फूल कांटे, तू सब का माली,
शिरडी वाले सांई बाबा
आया है तेरे दर पे सवाली ।
खुदा की शान तुझमें,
दिखें भगवान तुझमें——–2
तुझे सब मानते है,
तेरा घर जानते है,
चले आते है दौड़े,
जो खुश किस्मत है थोड़े,
ये हर राही की मन्जिल,
ये हर कश्ती का साहिल,
जिसे सब ने निकाला,
उसे तूने सम्भाला,
जिसे सबने निकाला, उसे तूने सम्भाला,,,,,,,,,,,,,,
तू बिछड़ों को मिलाये,
बुझे दीपक जलाये———2
ये गम की रातें, रातें ये काली,
इनको बनादे ईद और दीवाली
शिरडी वाले सांई बाबा
आया है तेरे दर पे सवाली ।
लव पे दुआएँ आँखो में आंसू
दिल में उम्मीदें पर झोली खाली
शिरडी वाले सांई बाबा
आया है तेरे दर पे सवाली——–4

ओ सांई बाबा सारी दुनिया भूल गयी

शिरडी वाले सांई बाबा तू ही है एक हमारा
जो भी दर पर आता तेरे मिलता उसे सहारा
तेरी लग्न लगाके जोत जलाके भूल गयी भूल गयी
ओ मैं तो भूल गयी भूल गयी भूल गयी
ओ सांई बाबा सारी दुनिया भूल गयी -2
सुबह शाम शिरडी वाले में फेरो तेरी माला -2
तुझमें मन्दिर तुझमें मस्जिद तुझमें ही गुरुद्वारा
तू है सारे जग का मालिक तू सारे जग का रखवाला
तेरी भक्ति में ओ सांई भूल गयी भूल गयी भूल गयी रे
ओ मैं तो भूल गयी भूल गयी भूल गयी
ओ सांई बाबा सारी दुनिया भूल गयी -2
अंधियारे को दूर करे पानी से दीप जलाये – 2
तेरे दर पे जो आये उसे सच्ची राह दिखाये
उसको सब कुछ भी मिल जाये जो तुझमें खो जाये
शिरडी वाले सांई बाबा दुनिया भूल गयी
भूल गयी भूल गयी मैं
ओ मैं तो भूल गयी भूल गयी भूल गयी
ओ सांई बाबा सारी दुनिया भूल गयी -2

ज़माना अग़र छोड़ दे बेसहारा

ज़मान अगर छोड़ दे बेसहारा मुझे फ़िक्र क्या मेरे बाबा को है2
हर इक जन अगर कर भी लेगा किनारा मुझे फ़िक्र क्या मेरे बाबा को है
ज़माना अग़र छोड़ दे बेसहारा……………
मेरी आह सुनकर मेरा दर्द सुनकर 2 मदद को कोई और आए न आए
वो आए हमेशा उन्हें जब पुकारा, 2 मुझे फ़िक्र क्या मेरे बाबा को है
ज़माना अगर……………
कभी सुख के दिन और कभी दुख की रातें 2 सांई तुममें विश्वास बढ़ता रहा है
हर इक हाल में दिल रहा है तुम्हारा 2 मुझे फ़िक्र क्या मेरे बाबा को है
ज़माना अगर छोड़ दे ………………
करूँ मैं तेरा शुक्रिया किस ज़ुबां से मैं 2 हर पल रहा तेरी मर्ज़ी का बन्दा
कहां से गिराया कहां से उभारा 2 मुझे फ़िक्र क्या मेरे बाबा को है
ज़माना अगर छोड़ दे बे सहारा,मुझे फ़िक्र क्या मेरे बाबा को है

ॐ सांई राम ॐ

ॐ सांई राम ॐ सांई राम ॐ सांई राम ॐ सांई राम ॐ सांई राम ॐ सांई राम ॐ सांई राम ॐ सांई राम ॐ सांई राम ॐ सांई
तेरे नाम के सहारे जीवन बिता रहा हूं,जैसी भी निभ रही है वैसी निभा रहा हूँ 2
तुम सबके राज़दां हो हर दिल की जानते हो 2
फ़िर भी ये हाले दिल मैं 2 तुमको सुना रहा हूँ
तेरे नाम के सहारे जीवन बिता रहा हूँ
मुझसे सहा न जाये अब ग़म ये ज़िन्दगी का 2
नन्हीं सी जाँ पे कैसे सदमे उठा रहा हूँ
जैसी भी निभ रही है वैसी निभा रहा हूँ
जब तक रहूँ मैं ज़िन्दा इज्ज़्त की भीख देना 2
ये आस लेके साँई तेरे दर पे आरहा हूँ
जैसी भी निभ रही है वैसी निभा रहा हूँ
दीदार की तलब से हाज़िर हुआ है बन्दा 2
मुद्द्त से मेरे साँई तेरे दर पे आरहा हूँ
जैसी भी निभ रही है वैसी निभा रहा हूँ
ॐ साँई राम साँई राम साँचा तेरा नाम !

ऐ मेरे ग़रीब नवाज़ झोलियाँ भरो सब की

ऐ मेरे ग़रीब नवाज़ झोलियाँ भरो सब की
शिरडी के साँई महाराज 2 झोलियाँ भरो सब की
ऐ मेरे ग़रीब नवाज़ झोलियाँ भरो सब की
इक तेरी आस लिये बाबा मन में विश्वास लिये
इक तेरी आस लिये बाबा मन में विश्वास लिये
दर तेरे आए हैं आज झोलियाँ भरो सब की । शिरडी के साँई महाराज………………
निर्बल के तुम बल हो बाबा निर्धन के तुम धन हो
निर्बल के तुम बल हो बाबा निर्धन के तुम धन हो
तुम हो ग़रीब नवाज़ झोलियाँ भरो सब की । शिरडी के साँई महाराज झोलियाँ………………
कदमों के साए में बाबा रखना बिठाए हमैं
कदमों के साए में बाबा रखना बिठाए हमैं
रख लेना हम सबकी लाज झोलियाँ भरो सब की । शिरडी के साँई महाराज झोलियाँ भरो सब की
ऐ मेरे ग़रीब नवाज़ झोलियाँ भरो सब की……

साँई दीदार तेरा हो जाए

साँई दीदार तेरा हो जाए
हम पे उपकार तेरा हो जाए
मेरी क्या सबकी ये तमन्ना है 2
सारा संसार तेरा हो जाए
देखलें तुझको ग़र चमन वाले 2
फूल क्या ख़ार तेरा हो जाए
इससे पहले कि ले वो हमसे हिसाब 2
हर गुनहगार तेरा हो जाए
तेरा घरबार मेरा हो बैठा 2
मेरा घरबार तेरा हो जाए
तूने बाँटा है प्यार लाखों में 2
मुझसे भी प्यार तेरा हो जाए
ये दुआ है कि एक बार नहीं 2
साँई हरबार तेरा हो जाए
साँई दीदार तेरा हो जाए…..

तू है हमारा और हम तेरे

तू है हमारा और हम तेरे
तेरे प्यार में तेरे द्वार पे डाल दिये हमने डेरे
तू है हमारा और हम तेरे
तेरे चमन का रग अनौखा है
दूसरे बागों में धोखा ही धोखा है
मुरझाए फ़िर खिले रहे चाहे कितना भी हमें ग़म घेरे
तू है हमारा और हम तेरे
किसकी मज़ाल तेरे दर से उठाएगा
किसमें है ताकत हमें कौन बहकाएगा
दिलसे निकली यही दुआ तू कभी न हमसे मुहं फेरे
तू है हमारा और हम तेरे
तेरा रस्ता चमकता मिलेगा
कोई भी राही न थकता मिलेगा
हर पग पर मिट जाएंगे मन की शंका के अंधेरे
तू है हमारा और हम तेरे…….

साँई तेरी ख़ातिर ख़ुद पे कितना बोझ उठाए

दु:ख को बोझ समझने वाले कौन तुझे समझाए
साँई तेरी ख़ातिर ख़ुद पर कितना बोझ उठाए कितना बोझ उठाए
वो ही तेरे प्यार का मालिक
वो ही तेरे संसार का मालिक
हैरत से तू क्या तकता है
दीया बुझ कर जल सकता है
वो चाहे तो रात को दिन और दिन को रात बनाए
साँई तेरी ख़ातिर ख़ुद पे कितना बोझ उठाए 2
तन में तेरा कुछ भी नहीं है
शाम सवेरा कुछ भी नहीं है
दुनिया की हर चीज़ उधारी
सब जाएंगे बारी-बारी
चार दिना के चोले पर काहे इतना इतराए
साँई तेरी ख़ातिर ख़ुद पर कितना बोझ उठाए 2
देख खुला है इक दरवाज़ा
अंदर आकर ले अंदाज़ा
पोथी-पोथी खटकने वाले
पड़े हैं तेरी अक्ल पे ताले
कब लगते हैं हाथ किसी के चलते फिरते साए
साँई तेरी ख़ातिर ख़ुद पर कितना बोझ उठाए ………..

तन में राम मन में राम

तन में राम मन में राम रोम रोम में समाया – 2
ओ सांई नाथ अनमोल खजाना जिन चाहा तिन पाया
तन में राम मन में राम रोम रोम में समाया – 2
ओ सांई नाथ अनमोल खजाना जिन चाहा तिन पाया
तन में राम मन में राम रोम रोम में समाया
सांई राम सांई राम सांई राम सांई राम……….
झूठे बेर सांई ने खाये लक्ष्मण कितने सकुचाये
शिबरी के मन प्रीत है कितनी लक्ष्मण समझ ना पाये
सांई राम सांई राम सांई राम सांई राम……….
तन में राम मन में राम रोम रोम में समाया – 2
शिरडी में बाबा शिव आये अवतारी सांई कहलाये – 2
बाबा तेरे रुप है कितने भक्ति बिना कोई समझ ना पाये – 2
सांई राम सांई राम सांई राम सांई राम……….
तन में राम मन में राम रोम रोम में समाया – 2
ओ सांई राम अनमोल खजाना जिन चाहा तिन पाया
तन में राम मन में राम रोम रोम में समाया – 2
सांई राम सांई राम सांई राम सांई राम……….

रंग डाला सांई ने रंग डाला

किसी का राम किसी का श्याम किसी का गोपाला – 2
जाकि जैसी भक्ति बाबा – 2 वैसा ही रंग डाला
रंग डाला सांई ने रंग डाला – 2
किसी का राम किसी का श्याम किसी का गोपाला
जाकि जैसी भक्ति बाबा – 2 वैसा ही रंग डाला
रंग डाला सांई ने रंग डाला – 2
किसी का राम किसी का श्याम किसी का गोपाला
तेरे कितने रुप है देवा जिसने की जैसी सेवा – 2
कोई जल और फूल चढ़ाता, कोई चढ़ाये मिश्री मेवा
किसी का राम किसी का श्याम किसी का गोपाला
जाकि जैसी भक्ति बाबा – 2 वैसा ही रंग डाला
रंग डाला सांई ने रंग डाला – 2
किसी का राम किसी का श्याम किसी का
कहीं बिराजे तू सोने पर, कहीं साँई बैठा पत्थर पर – 2
जाकी जैसी कुटिया बाबा वैसा ही पग डाला – 2
किसी का राम किसी का श्याम किसी का गोपाला
जाकि जैसी भक्ति बाबा – 2 वैसा ही रंग डाला
रंग डाला सांई ने रंग डाला – 2
किसी का राम किसी का श्याम किसी का………

सांई बाबा सांई बाबा सांई बाबा ओ सांई बाबा

ओओओओओओओओओओओओओओओओओ
जय जय शंकर जय शिव शंकर जय सांई गोपाला -2
तेरे रुप अनेको बाबा तू गंगा की धारा – 2
सांई बाबा सांई बाबा सांई बाबा ओ सांई बाबा
जय जय शंकर जय शिव शंकर जय सांई गोपाला -2
तेरे रुप अनेको बाबा तू गंगा की धारा – 2
सांई बाबा सांई बाबा सांई बाबा ओ सांई बाबा
तेरे नीम की मीठी छाया ओ
लाखों भक्तों ने सुख पाया ओ – 2
बाबा के कलश का जल जो पीते
दुख उनको फिर कभी ना छूते -2
लेके विभूति अंग लगा ले – 2
हो जा तू मतवाला
सांई बाबा सांई बाबा सांई बाबा ओ सांई बाबा
एक भक्त की घोड़ी खो गई
बाबा से पूछा पल में मिल गई – 2
मरते मरते वैघ वो आया
माफी माँगी जिन्दगी पायी – 2
तू भी उसकी शरण में आजा
बाबा तुझे बुलाता
सांई बाबा सांई बाबा सांई बाबा ओ सांई बाबा
आयी दीवाली रोयी वो बिटिया – 2
बाबा ने कर दी जगमग कुटिया
पानी तेल में बदल गया था ओ
फूलों से आँगन महक गया था – 2
बाबा का जादू तू भी देख ले – 2
बोल जोर से बाबा
सांई बाबा सांई बाबा सांई बाबा ओ सांई बाबा
पर्पवत से एक साधू आया
सांई को ढोंगी बतलाया -2
बृहमरुप देखा बाबा का
अभिमानी साधु पछताया -2
पाँव पकड़ कर रोने लगा वो – 2
कहने लगा सांई बाबा
सांई बाबा सांई बाबा सांई बाबा ओ सांई बाबा
रोज करिश्मे आज भी होते
बाबा सबको दर्शन देते – 2
बाबा की हंडी आज भी तपती
वर्षो से धूनी आज भी जलती – 2
आज भी बाबा जाग रहा है
बाबा तुझे बुलाता
सांई बाबा सांई बाबा सांई बाबा ओ सांई बाबा
जय जय शंकर जय शिव शंकर जय सांई गोपाला
तेरे रुप अनेको बाबा तू गंगा की धारा
सांई बाबा सांई बाबा सांई बाबा ओ सांई बाबा………

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